प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक कल्याणकारी योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान आवश्यक पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ सुनिश्चित करना है। यह योजना विशेष रूप से पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिले।
इस योजना के तहत महिलाओं को ₹6,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो उन्हें तीन किस्तों में प्रदान की जाती है। सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है, ताकि इसका सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2017 को हुई थी। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत अनिवार्य प्रावधानों के अनुसार शुरू की गई। इस योजना का उद्देश्य माताओं को गर्भावस्था के दौरान पोषण की कमी से बचाना और उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिए प्रेरित करना है।
मुख्य उद्देश्य:
- मातृत्व पोषण: गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रेरित करना।
- आर्थिक सहायता: प्रसव के दौरान होने वाले खर्चों में मदद के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी: प्रसव पूर्व और बाद की जटिलताओं को कम करना।
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा: महिलाओं को अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए प्रोत्साहित करना।
PMMVY योजना के प्रमुख लाभ और विशेषताएं
सहायता राशि का वितरण
योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को ₹5,000 की सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है:
किस्त | शर्तें पूरी करने पर मिलने वाली राशि |
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पहली किस्त | ₹1,000 – गर्भावस्था के पहले 3 महीने के भीतर पंजीकरण कराने पर। |
दूसरी किस्त | ₹2,000 – गर्भावस्था के कम से कम 6 महीने पूरे होने और प्रसव पूर्व जांच कराने पर। |
तीसरी किस्त | ₹2,000 – बच्चे के जन्म का पंजीकरण और बच्चे को पहला टीकाकरण कराने पर। |
जननी सुरक्षा योजना का अतिरिक्त लाभ
इस योजना के तहत जननी सुरक्षा योजना (JSY) के माध्यम से ₹1,000 अतिरिक्त प्रदान किए जाते हैं, जिससे कुल सहायता राशि ₹6,000 हो जाती है।
दूसरी संतान पर प्रोत्साहन
यदि दूसरी संतान लड़की हो, तो ₹6,000 की एकमुश्त राशि दी जाती है। यह प्रोत्साहन समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए है।
स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान
योजना का उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान माताओं को सही पोषण और नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करना है। इससे प्रसव के बाद होने वाली जटिलताओं को कम किया जा सके।
PMMVY योजना की पात्रता
कौन पात्र हैं?
- ऐसी महिलाएं जो पहली बार मां बनने जा रही हैं।
- महिला की उम्र 19 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।
- गर्भावस्था का पंजीकरण आंगनवाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र में होना चाहिए।
कौन पात्र नहीं हैं?
- जो महिलाएं केंद्र या राज्य सरकार के किसी अन्य मातृत्व लाभ कार्यक्रम की लाभार्थी हैं।
- जो महिलाएं सरकारी या संगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं और जिन्हें मातृत्व अवकाश का लाभ मिलता है।
- यदि महिला ने गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण नहीं कराया है।
PMMVY योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
योजना के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड या वोटर आईडी।
- पते का प्रमाण: राशन कार्ड, बिजली बिल, या निवास प्रमाण पत्र।
- बैंक खाता विवरण: लाभार्थी का बैंक पासबुक।
- गर्भावस्था प्रमाण: मां और बाल सुरक्षा (MCP) कार्ड।
- LMP तिथि: अंतिम मासिक धर्म तिथि।
- सक्रिय मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी।
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया:
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना PMMVY के लिए ऑनलाइन आवेदन करना बेहद आसान है।
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।
- Citizen Login पर क्लिक करें।
- मोबाइल नंबर दर्ज करें और OTP के माध्यम से लॉगिन करें।
- आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद रसीद प्रिंट कर लें।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र में जाएं।
- आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
- पंजीकरण की पुष्टि होने पर आपको एक पावती स्लिप दी जाएगी।
महत्वपूर्ण बातें
- यह योजना केवल पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए है।
- सभी लाभ सीधे बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दिए जाते हैं।
- लाभार्थी को नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण कराना अनिवार्य है।
- योजना का लाभ केवल आवेदन की स्वीकृति के बाद ही मिलता है।
- यदि महिला का गर्भपात हो जाता है या मृत जन्म होता है, तो अगले गर्भधारण के लिए योजना का लाभ लिया जा सकता है।
महिला सशक्तिकरण में योजना की भूमिका
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- आर्थिक स्वतंत्रता: महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले खर्चों के लिए आत्मनिर्भर बनाना।
- पोषण में सुधार: गर्भवती महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा: अधिक से अधिक महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पतालों में जाना प्रोत्साहित करना।
- लड़कियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण: दूसरी संतान लड़की होने पर प्रोत्साहन राशि देकर समाज में लड़कियों की स्थिति सुधारना।
FAQs PMMVY (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ कौन ले सकता है?
यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो पहली बार मां बन रही हैं और जिनकी उम्र 19 वर्ष या उससे अधिक है।
2. क्या यह योजना सभी के लिए उपलब्ध है?
नहीं, यह योजना केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए है।
3. योजना की सहायता राशि कैसे प्राप्त होगी?
सभी लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजे जाते हैं।
4. क्या सरकारी कर्मचारी इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
नहीं, जो महिलाएं सरकारी कर्मचारी हैं या संगठित क्षेत्र में काम करती हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
5. दूसरी संतान पर क्या लाभ मिलता है?
यदि दूसरी संतान लड़की है, तो ₹6,000 की एकमुश्त राशि दी जाती है।
महत्वपूर्ण लिंक्स PMMVY:
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना मातृत्व को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने का एक सशक्त प्रयास है। यह योजना न केवल माताओं को आर्थिक मदद प्रदान करती है, बल्कि उनके और उनके बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को भी प्राथमिकता देती है।